'भोगोगे तुम' एक भयानक हाय बर्बाद कर देती है जिंदगी! ये हैं प्रेमानंद जी महाराज के वचन

Padma Shree Shubham
Feb 05, 2025

समाधान

लोग प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में अपने मन की उलझनों को सामने रखकर समाधान पाने की कोशिश करते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज से लोग अपने सवाल पूछते हैं. ऐसे ही एक सवाल पर महाराज जी ने जवाब दिया कि किसी की हाय लगती है तो क्या होता है?

ऋण

प्रेमानंद जी ने बताया कि आप जहां पर पैदा हुए हैं उस परिवार में आपका ऋण है. तभी आपने उस परिवार में जन्म लिया है.

पूर्व के जन्म

जब तक उस ऋण को आप नहीं चुका देते तबतक वहां से आप जा नहीं सकते. ऐसा आपके पूर्व के जन्मों से ही तय है.

कर्मों का फल

जिस तरह किसी के घर पुत्र जन्मा है तब से ही पैसे खर्च करना शुरू कर दिया, बड़ा होकर उद्दंड निकल गया. ये सब तुम्हारे कर्मों का ही फल है.

आह

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि किसी को हमें कष्ट देने से हमेशा बचना चाहिए, किसी की आह निकलती है तो हमें उस आह को यहीं भोगना पड़ता है.

'भोगोगे तुम'

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि 'भोगोगे तुम' अगर यह किसी ने मुख से निकला है तो इसका अर्थ है कि भोगना ही पड़ेगा आपको.

बद्दुआ

दिल से निकली बद्दुआ कभी भी नहीं खाली जाती है. नुकसान झेलना ही पड़ता है. इससे बचने का उपाय है न लेना, न देना, मग्न रहना. भगवान को मानो. वहीं सब खत्म.

डिस्क्लेमर

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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