क्या आप जानते हैं दुनिया का पहला शिवलिंग कहां और कौन-सा है, अगर नहीं तो चलिए बताते हैं...
मान्यता है कि श्री गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में दुनिया का पहला शिवलिंग स्थापित है. यह जगह खरगोन जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मंडलेश्वर में दारुकावन में है.
मान्यता है कि हजारों साल पहले भगवान शिव और माता पार्वती ने ऋषियों के श्राप से मुक्ति पाने के लिए इस शिवलिंग की स्थापना की थी.
नर्मदा पुराण, रेवाखंड, भागवत गीता में भी उल्लेख है कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान इस शिवलिंग का दर्शन करना शुभ होता है.
क्या है पौराणिक कथा-
भगवान शिव और माता पार्वती जब इस स्थान पर भ्रमण करते हुए पहुंचे तो वहां ऋषि तपस्या कर रहे थे. उनके साथ ऋषियों की पत्नियां भी उनके साथ मौजूद थीं.
तब माता पार्वती ने भगवान शंकर से ऋषियों की तपस्या भंग करने की जिद्द की. जिस पर शिव जी ने बाल रूप धारण कर नग्न अवस्था में नृत्य करने लगे.
भगवान के नृत्य से ऋषियों की पत्नियां प्रभावित हुई. यह देख ऋषियों को गुस्सा आया और शिव जी को श्राप दे गिया. जिसके बाद भगवान का लिंग गिर गया.
यह देख ब्रह्म और विष्णु प्रकट हुए और कहा कि जिन्हें श्राप दिया है वह स्वयं भगवान शिव हैं, लेकिन श्राप वापस नहीं हो सकता था. तब उन्होंने भगवान को बताया कि पुन: लिंग कैसे प्राप्त होगा.
ऋषियों ने कहा कि शंकर भगवान को शिवलिंग के रूप में यहीं रहना होगा. शिवलिंग पर जब महिलाएं जल चढ़ाएंगी, पूजा करेंगी, तब धीरे-धीरे श्राप का असर कम होगा.
तब भगवान शंकर और माता पार्वती ने पास ही नर्मदा नदी से एक पत्थर लिया और अनादि लिंग के रूप में उसकी यहां स्थापना की. जिसे गुप्तेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)