ये किताब का जादू है या आंखों की कमजोरी, पढ़ते ही क्यों आने लगती है नींद

Zee News Desk
Jan 28, 2025

आपको अपना बचपन तो याद ही होगा पूरा दिन खेलने से नहीं थकते थे लेकिन जैसे ही पढ़ाई करने का नम्बर आता था तो नींद आने लग जाती थी.

ज्यादातर बच्चे तो होम वर्क करते करते सो जाते हैं छोटे बच्चे स्कूल और ट्यूशन में अक्सर सो ही जाते हैं.

लेकिन क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्या है कि जब पढ़ने की बारी आती है तो आलस आने लगता है.

ये किताबों का जादू है या आंखों की कमजोरी, चलिए आज इसी बात को समझने की कोशिश करते हैं.

दरअसल पढ़ाई करते समय हमारी आंखें लगातार एक ही जगह केंद्रित रहती हैं जिससे आंखों की मसल्स पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है.

आंखों की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दवाब पड़ने से थकान महसूस होने लगती है.

इसी दौरान हमारा दिमाग लगातार नई जानकारी को प्रोसेस और स्टोर कर रहा होता है जिससे यह भी थक जाता है.

इन दोनों का कॉम्बिनेशन मिलके कुछ ही समय में हमें नींद में धकेलने लगता है और हमें तेजी से नींद आने लगती है.

इसके बाद हम पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते हैं और किताब साइड में रखकर सो जाते हैं.

Disclaimer-

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी इससे जुड़ा पढ़ें तो उससे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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