Pankaj Udhas 6 Popular Hit Songs: पंकज उधास की आवाज हर महफिल की जान थी. उनकी गजलें सुनते ही लोग खो जाया करते थे, सुरों में बहने लगते थे. उनकी गायकी में एक अलग ही कशिश थी, जो सीधे दिल को छू जाती थी. उनकी गजलों में एक गहरा अहसास था, जिसे सुनकर लोग उदास भी होते और झूमने भी लगते थे. पंकज उधास के दोनों भाई, मनहर और निर्मल उधास भी अच्छे गायक थे, लेकिन पंकज की लोकप्रियता सबसे अलग थी. जगजीत सिंह और गुलाम अली जैसे दिग्गजों के दौर में भी उनकी गजलों की अपनी पहचान थी.
26 फरवरी, 2024 को 72 साल की उम्र में पंकज उधास की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई, लेकिन उनकी गजलें कभी उनकी यादों को मरने नहीं देंगी. उनके गाए गाने आज भी सुरों की दुनिया में गूंजते हैं और आगे भी गूंजते रहेंगे. उनकी आवाज इतनी खास थी कि उनके गाने किसी और की आवाज में वैसा असर नहीं छोड़ते. कुछ गीत तो ऐसे हैं जो पंकज उधास की पहचान बन गए. उनकी याद में हम आपके लिए लाए हैं उनके गाए 6 बेहतरीन गाने, जो उनके संगीत के जादू को जिंदा रखते हैं.
पंकज उधास ने अपनी सुरीली आवाज से कई यादगार गाने दिए, जो आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं. उनका एल्बम 'स्टोलेन मोमेंट्स' 1998 में आया था, जिसमें 'और आहिस्ता कीजिए बातें' गाना शामिल था. इस गाने में समीरा रेड्डी ने डेब्यू किया था और खुद पंकज उधास भी फीचर हुए थे. 90 के दशक में म्यूजिक एल्बम्स का दौर था और पंकज उधास अपनी नजाकत भरी गायकी से लोगों को खास अंदाज में जोड़ते रहे. उनकी आवाज में मिठास थी, जो हर गाने को खास बना देती थी.
फिल्म 'नाम' में उनका गाया गाना 'चिट्ठी आई है' आज भी लोगों के दिलों को छू जाता है. इस गाने में एक ऐसे इंसान के इमोशन्स को बयां किया गया है, जो बिना किसी को बताए सफर पर निकल जाता है. उन्होंने इस गाने को बेहद खूबसूरती से हाया और व्यक्त किया है कि सुनते ही आंखें नम हो जाती हैं. सलीम खान के लिखे इस गाने को पंकज उधास ने अपनी भावनात्मक आवाज से अमर बना दिया. जब भी ये गाना बजता है, लोगों को अपने परिवार और पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं.
'सुख दुख था एक सबका' गाना जफर गोरखपुरी ने लिखा था, जो हर पीढ़ी के इमोशन्स को दिखाता है. इस गाने में जिंदगी के उतार-चढ़ाव और परिवार की अहमियत को खूबसूरती से पिरोया गया है. पंकज उधास की मधुर आवाज़ ने इसे और भी खास बना दिया. ये गाना बार-बार सुनने के बाद भी नया सा लगता है और हर बार एक सुखद एहसास कराता है. इसकी गहराई इतनी ज्यादा है कि इसे सुनकर हर किसी को अपने जीवन की यादें ताजा हो जाती हैं. आज भी ये गाना सुनते ही मन में गूजबंप्स आ जाते हैं.
उनके कई शानदार गानों में से एक 'चांदी जैसा रंग है तेरा' तो हर महफिल की जान बन चुका है. इस गाने के बिना पंकज उधास का नाम अधूरा लगता है. जब भी ये गाना बजता है, लोग खुद को इसे गुनगुनाने से रोक नहीं पाते. पंकज उधास ने इसे अपनी खास गायकी से अमर कर दिया है. ये गाना न सिर्फ उनके करियर की पहचान बना बल्कि यह उनकी आवाज की मिठास को भी बयां करता है. आज भी किसी महफिल में ये बज जाए, तो लोग इसे सुनकर झूमने लगते हैं.
'चुपके चुपके सखियों से वो' गाने में जॉन अब्राहम फीचर थे, जो उस समय फिल्मों में नहीं आए थे. इस गाने में उन्हें एक स्टाइलिश हैंडसम हंक के रूप में देखा गया और आगे चलकर फिल्मों में भी उन्होंने यही इमेज बनाए रखी. गाने में राजलक्ष्मी भी थीं और खुद पंकज उधास भी नजर आए थे. 90 के दशक में ये गाना युवाओं के बीच बेहद पॉपुलर हुआ था और आज भी इसकी लोकप्रियता बरकरार है. पंकज उधास के म्यूजिक एल्बम्स में उनकी मौजूदगी एक खास आकर्षण हुआ करती थी.
1994 में आई अक्षय कुमार, रवीना टंडन और सुनील शेट्टी की फिल्म 'मोहरा' का गाना 'ना कजरे की धार' का एक सुपरहिट गाना है, जिसे सुनील शेट्टी और पूनम झावर पर फिल्माया गया था. 90 के दशक में रिलीज हुआ ये गाना आज भी लोगों की पसंदीदा प्लेलिस्ट में शामिल रहता है. इसकी मधुर धुन और पंकज उधास की सुरीली आवाज़ इसे और भी खास बनाती है. ये गाना सुनते ही 90 के दशक की यादें ताजा हो जाती हैं. इसका आकर्षण आज भी बरकरार है और लोग इसे सुनकर उस सुनहरे दौर में खो जाते हैं.
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