ऑफिस में झपकी लेने की वजह से निकाले गए शख्स ने लिया ऐसा बदला, पूरी कंपनी रह गई दंग
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ऑफिस में झपकी लेने की वजह से निकाले गए शख्स ने लिया ऐसा बदला, पूरी कंपनी रह गई दंग

China Work Culture: चीन का वर्क कल्चर दुनिया का सबसे खराब माना जाता है. यहां न केवल कर्मचारियों पर भारी दबाव डाला जाता है, बल्कि अत्यधिक काम के घंटों और मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ता है.

ऑफिस में झपकी लेने की वजह से निकाले गए शख्स ने लिया ऐसा बदला, पूरी कंपनी रह गई दंग

China Work Culture: दुनिया में जब भी सबसे खराब और जहरीले वर्क कल्चर की बात होती है, तो सबसे पहले चीन का नाम लिया जाता है. यहां न केवल कर्मचारियों पर भारी दबाव डाला जाता है, बल्कि अत्यधिक काम के घंटों और मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ता है. चीन में कामकाजी संस्कृति में "996" का रिवाज बहुत प्रसिद्ध है, जिसका मतलब है कि कर्मचारी सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, हफ्ते में 6 दिन काम करते हैं. यह अत्यधिक कामकाजी दबाव कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है. हालांकि, इस तरह का वर्क कल्चर कर्मचारियों के जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और कई बार इसके परिणामस्वरूप उच्च स्तर की बीमारी और आत्महत्याओं की घटनाएं भी सामने आती हैं.

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झैंग ने 20 साल से एक केमिकल कंपनी में काम किया 

चीन में एक कर्मचारी, झैंग, को ऑफिस में झपकी लेने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था. झैंग ने 20 साल से एक केमिकल कंपनी में काम किया था और एक दिन आधी रात तक काम करने के बाद, अगले दिन ऑफिस में एक घंटे के लिए सो गए थे. यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई और कंपनी ने इसे 'जीरो टॉलरेंस पॉलिसी' का उल्लंघन मानते हुए झैंग को नौकरी से निकाल दिया.

 अदालत ने झांग के पक्ष में फैसला सुनाया

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, यह घटना चीन के जियांग्शु प्रांत की है. झांग नाम के एक व्यक्ति, जो एक डिपार्टमेंटल स्टोर में मैनेजर के रूप में काम करता था, को ऑफिस में झपकी लेने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया. झांग ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण मानते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने पाया कि झांग की झपकी से कंपनी को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था और उनके 20 साल के सेवा को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने झांग के पक्ष में फैसला सुनाया.

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कोर्ट ने कहा झांग को 40 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए 

झैंग ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण मानते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने पाया कि झैंग की झपकी से कंपनी को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था और उनके 20 साल के सेवा को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट ने झैंग के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने कंपनी को आदेश दिया कि झैंग को 40 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.

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