कम स्पर्म काउंट के कारण पिता बनने का सपना अधूरा रह जाना कई पुरुषों के लिए चिंता का विषय है. लेकिन आज के आधुनिक मेडिकल साइंस ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है.
Trending Photos
कम स्पर्म काउंट के कारण पिता बनने का सपना अधूरा रह जाना कई पुरुषों के लिए चिंता का विषय है. लेकिन आज के आधुनिक मेडिकल साइंस ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है. ओलिगोस्पर्मिया यानी सीमेन में स्पर्म की कमी के कारण पुरुषों में बांझपन (Male Infertility) की समस्या बढ़ रही है. हालांकि, इस समस्या से जूझ रहे पुरुषों के लिए राहत की बात यह है कि अब कई आधुनिक उपचार (advanced treatment) उपलब्ध हैं, जो उन्हें पिता बनने के सपने को पूरा करने में मदद कर सकते हैं.
इनफर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. काबेरी बनर्जी बताती हैं कि कम स्पर्म काउंट की समस्या दुनिया भर में लाखों पुरुषों को प्रभावित कर रही है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
* लाइफस्टाइल फैक्टर्स: शराब का ज्यादा सेवन, धूम्रपान, मोटापा या तनाव हार्मोन के लेवल को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे स्पर्म की क्वालिटी और संख्या घट जाती है.
* बाहरी फैक्टर: भारी धातुओं, टॉक्सिन्स या केमिकल्स के संपर्क में आने से स्पर्म उत्पादन पर नेगेटिव असर पड़ता है.
* मेडिकल कंडीशन्स: क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम, अंडकोष में संक्रमण या चोटें भी स्पर्म काउंट को कम कर सकती हैं.
कम स्पर्म काउंट के लक्षण
लक्षणों की बात करें तो इसके कोई स्पष्ट संकेत नहीं होते, लेकिन कुछ प्रमुख संकेत हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए:
* अंडकोष में सूजन या दर्द और पेशाब करते समय जलन.
* यौन इच्छा में कमी या स्तंभन दोष की समस्या.
* हार्मोनल असंतुलन के कारण शरीर और चेहरे के बालों की वृद्धि में कमी.
ओलिगोस्पर्मिया के आधुनिक उपचार
डॉ. काबेरी बनर्जी बताती हैं कि कम स्पर्म काउंट की समस्या का समाधान संभव है. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने, नियमित व्यायाम करने और शराब-धूम्रपान छोड़ने से स्पर्म की क्वालिटी में सुधार हो सकता है. इसके अलावा, कुछ उन्नत चिकित्सा उपचार भी उपलब्ध हैं:
* IVF और ICSI तकनीक: इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) में महिला के अंडाणु को पुरुष के स्पर्म से लैब में निषेचित किया जाता है. वहीं, इंट्रा-साइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) में एक हेल्दी स्पर्म को सीधे अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है.
* हार्मोनल फर्टिलिटी ट्रीटमेंट: यह उपचार हार्मोन के स्तर को संतुलित करके स्पर्म उत्पादन को बढ़ावा देता है. इसमें hCG, hMG और क्लोमीफीन साइट्रेट जैसी दवाएं दी जाती हैं. हालांकि, इनका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें.
* स्पर्म बैंकिंग और आर्टिफिशियल स्पर्म डोनर: जो पुरुष भविष्य में पिता बनना चाहते हैं, वे अपने हेल्दी स्पर्म को रिजर्व करा सकते हैं. वहीं, जिनका स्पर्म काउंट बहुत कम है, उनके लिए डोनर स्पर्म का ऑप्शन भी उपलब्ध है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.