Baltod Ke Upay: बालतोड़ एक आम समस्या है, जो आयुर्वेदिक उपचार से आसानी से ठीक की जा सकती है. यदि आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाकर आप आसानी से राहत पा सकते हैं.
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बालतोड़ को फोलिक्युलाईटिस भी कहा जाता है, यह एक आम त्वचा समस्या है. यह बालों के रोम में इंफेक्शन के कारण होती है. यह समस्या अक्सर छोटे लाल चकत्तों, फोड़े या पिंपल्स के रूप में सामने आती है. यह समस्या आमतौर पर त्वचा के उन हिस्सों पर होती है, जो पसीने या घर्षण के संपर्क में आते हैं, जैसे कि पीठ, छाती, गर्दन और जांघों पर.
आयुर्वेद में फोलिक्युलाईटिस के उपचार के लिए कई नेचुरल उपाय और औषधियां उपलब्ध हैं, जो शरीर के अंदर से उपचार करते हुए इस समस्या को ठीक करने में मदद कर सकती हैं. यहां आप बालतोड़ को ठीक करने के नेचुरल उपायों को जान सकते हैं-
त्रिफला
त्रिफला आयुर्वेद का एक हर्बल मिश्रण है, जिसमें आंवला, बहेड़ा और हरड़ के गुण होते हैं. यह त्वचा की सूजन और संक्रमण को कम करने में मदद करता है. त्रिफला का सेवन आंतरिक रूप से करने से शरीर में से टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) बाहर निकलते हैं और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जो फोलिक्युलाईटिस के इलाज में सहायक हो सकता है.
हल्दी
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण और सूजन को कम करने में मदद करते हैं. हल्दी को सीधे प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से बैक्टीरिया के विकास को रोका जा सकता है. इसके साथ ही, हल्दी का सेवन शरीर को अंदर से साफ करता है और इन्फेक्शन को रोकने में मदद करता है. आप हल्दी को दूध के साथ सेवन कर सकते हैं या हल्दी और चंदन पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं.
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नीम
नीम को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली औषधि के रूप में माना जाता है. नीम में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा संक्रमण को ठीक करने में प्रभावी होते हैं. फोलिक्युलाईटिस के इलाज में नीम के पत्तों को उबालकर उसका पानी प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से राहत मिल सकती है. इसके अलावा, नीम के तेल का भी सेवन और त्वचा पर इस्तेमाल किया जा सकता है.
शहद और नींबू
शहद एक प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल एजेंट है, जो त्वचा की सूजन और घावों को ठीक करता है. नींबू में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को शुद्ध करने में मदद करते हैं. शहद और नींबू का पेस्ट बनाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से फोलिक्युलाईटिस के लक्षणों में सुधार हो सकता है.
एलोवेरा
एलोवेरा के जेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और हाइड्रेटिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को ठंडक पहुंचाते हैं और सूजन को कम करते हैं. फोलिक्युलाईटिस के दौरान त्वचा पर एलोवेरा जेल लगाने से राहत मिलती है. यह घावों को भरने में भी मदद करता है और संक्रमण को रोकता है. आप ताजे एलोवेरा के पत्ते से जेल निकालकर इसे प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं.
आंवला
आंवला, जो विटामिन C से भरपूर होता है, शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. आंवला का सेवन त्वचा को अंदर से शुद्ध करता है और संक्रमण को ठीक करने में सहायक होता है. आप आंवला का रस निकालकर पी सकते हैं या इसका चूर्ण पानी में घोलकर सेवन कर सकते हैं.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.