महा शिवरात्रि को भगवान शिव की आराधना सबसे प्रमुख पर्व माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा के साथ उनके 108 नामों का जप करने से सब संकट दूर हो जाते हैं.
शास्त्रों में शिव के 1008 नामों का उल्लेख मिलता है, लेकिन इनमें से 108 नाम बेहद शक्तिशाली माने जाते हैं. महाशिवरात्रि के दिन इन नामों का जाप करना विशेष फलदायी होता है.
भगवान शिव के108 नामों में से कुछ प्रसिद्ध नाम हैं महादेव, भोलेनाथ, शंकर, आदिदेव, आशुतोष, महेश, कपाली, महाकाल, रामेश्वर और नीलकंठ.
मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के नामों का जाप करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है
शिव को केवल देवता नहीं बल्कि आदिगुरु माना जाता है. योगिक परंपरा में उनके कई रूपों का वर्ण है. रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय मंत्र और बिल्वपत्र अर्पण नामों का जाप अधिक प्रभावी माना गया है.
शंभो (उदार), भोलेनाथ (सरल), दक्षिणामूर्ति (ज्ञान के प्रतीक), नटेश (कला के देवता), महाकाल (समय के स्वामी) और सोमसुंदर (सौंदर्य का प्रतीक) आदि शिव के कुछ प्रमुख रूप हैं.
तंत्र साधना में भगवान शिव को भैरव कहा जाता है, जबकि वैदिक परंपरा में उन्हें रुद्र के रूप में पूजा जाता है
शिव भक्तों के लिए सावन और महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इन दिनों में शिवलिंग पर जल चढ़ाने, बेलपत्र अर्पित करने और शिव नामों का जाप करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.