कौन हैं धरती के यमराज? काशी में डोम राजा बन चिताओं को देते हैं आग

Padma Shree Shubham
Oct 01, 2024

80 घाटों में से दो घाट

बनारस के 80 घाटों में से दो घाट मणिकर्णिका घाट और राजा हरिशचंद्र घाट पर शवदाह किया जाता है और इन्हीं दो घाटों पर डोम राजा का परिवार रहता है.

शवों का अंतिम संस्कार

धरती का यमराज कहे जाने वाले डोम राजा शवों का दाह संस्कार कर उन्हें मोक्ष का रास्ता देते हैं. शवों का अंतिम संस्कार केवल डोम जाति वाले ही करते हैं.

चिताओं की आग

डोम राजा के परिवार का रहन-सहन आम लोगों से अलग है. इनके घर का चूल्हा चिताओं की आग से जलाई जाती है जिसपर परिवार का खाना बनता है.

काशी भ्रमण

प्रचलित पौराणिक कथा है कि भगवान शिव माता पार्वती के साथ एक बार काशी भ्रमण के लिए आए.

कान का एक कुंडल

तभी मणिकर्णिका घाट पर स्नान करते समय माता पार्वती के कान का एक कुंडल गिर गया, जिसे कालू नामक एक राजा ने उठा कर अपने पास रख लिया.

क्रोध में श्राप

बहुत खोजने के बाद भी कुंडल नहीं मिल सका और आखिर में महादेव ने क्रोध में कुंडल चोर को नष्ट हो जाने का श्राप दे दिया.

भोलेनाथ शंकर और मां पार्वती

इस श्राप के डर से कालू ने कुंडल अपने पास रखने की बात स्वीकार कर ली और भोलेनाथ शंकर और मां पार्वती से क्षमा मांगी.

श्राप से मुक्ति

इसके बाद शिवजी ने कालू राजा को श्राप से मुक्ति देते हुए उसे श्मशान घाट का राजा घोषित किया.

शवों को तभी से मुक्ति दे रहे हैं

कहते हैं कि कालू राजा और उसके वंशज श्मशान शवों को तभी से मुक्ति दे रहे हैं. मान्यता है कि कालू राजा के वंश को ही डोम राजा कहते हैं.

डिस्क्लेमर

यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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