Moradabad Hindi News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर दलितों के घर के बाहर पलायन के पोस्टर लगाए गए है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और इस मामले में प्रशासन ने क्या कहा है?
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Moradabad Hindi News/आकाश शर्मा: मुरादाबाद के मुंडापांढ़े थाना क्षेत्र के विरपुर वरियार उर्फ खरक गांव में दलित समाज के कुछ परिवारों ने अपने घरों के बाहर पलायन के पोस्टर लगा दिए हैं. इन पोस्टरों में उन्होंने मुस्लिम समाज के कुछ प्रभावशाली लोगों पर उनकी पट्टे की जमीन पर अवैध कब्जा करने और जबरन निर्माण करने का आरोप लगाया है.
क्या है मामला?
गांव के बाल्मीकि समाज के कुछ परिवारों का कहना है कि उनकी पट्टे की जमीन पर मुस्लिम समाज के कुछ दबंग लोग अवैध रूप से मकान बना रहे हैं. आरोप है कि जब उन्होंने इस निर्माण को रोकने की कोशिश की, तो उन्हें धमकियां दी गईं. उनका कहना है कि यदि उनकी खेती की जमीन पर निर्माण हो गया, तो उनके पास जीविका चलाने का कोई साधन नहीं बचेगा, और ऐसे में उनके पास पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा.
ग्रामीणों के मुताबिक, उन्होंने इस संबंध में एसडीएम और डीएम से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, जब उन्होंने विरोध में पलायन के पोस्टर लगाए, तो पुलिस ने उन्हें हटवा दिया और धमकी दी कि यदि पोस्टर नहीं हटाए गए तो उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.
प्रशासन क्या कहता है?
मामले पर एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने कहा कि यह विवाद दो प्रधानों के बीच का राजनीतिक मामला है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस पक्ष द्वारा निर्माण किया जा रहा है, उसे कोर्ट का आदेश मिला हुआ है कि उसके निर्माण में कोई हस्तक्षेप न किया जाए. प्रशासन न्यायालय के आदेशों के अनुसार ही कार्रवाई करेगा और जिसका दावा सही होगा, उसका समर्थन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि यह पलायन का मामला नहीं है, बल्कि दो प्रधानों के बीच की राजनीतिक लड़ाई का हिस्सा है. निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश करने वाले पक्ष का कोई कानूनी आधार नहीं है, और कोर्ट ने निर्माण करने वाले पक्ष के पक्ष में आदेश दिया है.
ग्रामीणों की मांग और आगे की स्थिति
दलित समाज के लोगों का कहना है कि यदि उनकी जमीन का कब्जा नहीं हटाया गया तो उनके पास गांव छोड़ने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचेगा. उन्होंने प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे मजबूरन पलायन करेंगे.
वहीं, प्रशासन का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित करने की कोशिश की जा रही है और राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में मामले का निपटारा किया जाएगा. फिलहाल, पुलिस और प्रशासन की नजर इस पूरे मामले पर बनी हुई है.
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