महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के लिए अच्छे खासा मुनाफा कमाकर गया है. जानकारी के मुताबिक सरकार विश्व के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन पर 75 सौ करोड़ का निवेश किया था, जिस पर 45 गुना लाभ हुआ है. साथ ही जीडीपी में एक फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ 2025 दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना, जिसमें 65 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई. यह संख्या पहले अनुमानित 40 करोड़ की तुलना में काफी अधिक रही, जिससे प्रयागराज समेत पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को अप्रत्याशित बढ़ावा मिला.
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, इस आयोजन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई. पर्यटन, व्यापार, परिवहन, होटल और धार्मिक सामग्री से जुड़े सेक्टरों को इस आयोजन से बड़ा आर्थिक फायदा हुआ.
महाकुंभ को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 7500 करोड़ रुपये सड़क, फ्लाईओवर, अंडरपास और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण पर खर्च किए. इस निवेश से प्रयागराज और आसपास के 150 किमी क्षेत्र में विकास कार्यों को गति मिली.
महाकुंभ ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा किए. आयोजन के दौरान 12 लाख से अधिक लोगों को गिग या टेम्परेरी नौकरियां मिलीं, जिससे होटल, परिवहन, पूजा सामग्री और अन्य सेक्टरों को भी फायदा हुआ.
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज ही नहीं, बल्कि अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट और मिर्जापुर जैसे धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई. एयरलाइंस, ट्रेन और बस सेवाओं में यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ी, जिससे यात्रा उद्योग को बड़ा फायदा मिला.
पूजा सामग्री, फूल, धार्मिक वस्त्र और हस्तशिल्प की बिक्री में भी जबरदस्त उछाल आया. महाकुंभ के दौरान धार्मिक वस्त्रों और पूजा सामग्री का कारोबार करीब 2800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भारी मुनाफा हुआ.
आयोजन के दौरान डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 50,000 से अधिक QR कोड इंस्टॉल किए गए. इसके अलावा, टेलीकॉम सेक्टर ने हाई-स्पीड इंटरनेट, सीसीटीवी कैमरे और एआई-आधारित तकनीक से आयोजन की सुरक्षा और सुचारू संचालन सुनिश्चित किया
व्यापारिक संगठनों के अनुसार, प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी और अन्य धार्मिक स्थलों को मिलाकर महाकुंभ से कुल 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. इससे छोटे और बड़े कारोबारियों को इतना फायदा हुआ जिसकी उन्होंने उम्मीद भी नहीं की थी.
इस महापर्व के दौरान सरकार को भी भारी राजस्व मिला. विभिन्न स्रोतों से उत्तर प्रदेश सरकार को अनुमानित 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था और मजबूत हुई.
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की रोडवेज बसों से सवा तीन करोड़ यात्रियों ने महाकुंभ में आवाजाही के लिए सफर किया. कुंभ ममेला क्षेत्र में 6 लाख वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था थी. एक लाख टेंट थे, 8 हजार आश्रम और संस्थाओं का शिविर बनाया गया था. कुंभ मेला क्षेत्र 4000 हेक्टेयर भूमि पर बना था. इसे 25 सेक्टरों में बांटा गया. संगम तट पर कुल 41 घाट तैयार किए गए.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए लोगों के कमेंट्स के मुताबिक दिल्ली से महाकुंभ प्रयागराज की फ्लाइट्स आम दिनों के मुकाबले 5 गुना ज्यादा महंगी रहीं. जारी आंकड़ों के मुताबिक 700 प्राइवेट प्लेन, 2800 फ्लाइट्स और 13830 ट्रेन से 15 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंचे.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.