Cow transportaion UP: हाईकोर्ट ने कहा कि वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट ने कानून के उल्लंघन में 18 अगस्त, 2021 को जब्ती का आदेश पारित किया था. आगे की सुनवाई में कोर्ट ने माना कि डीएम का आदेश अधिकार क्षेत्र के बाह था इसलिए उसे रद्द कर दिया गया.
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Allahabad High Court: उत्तर प्रदेश (UP) के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि प्रदेश में गायों का परिवहन यूपी गोहत्या रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं है. अदालत ने बृहस्पतिवार को वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट (DM) द्वारा एक वाहन को इस आरोप में जब्त करने के आदेश को रद्द कर दिया कि वह बिना वैध अनुमति के वध के उद्देश्य से ले जा रहा था.
जस्टिस असलम का आदेश
मोहम्मद शाकिब द्वारा दायर एक याचिका पर न्यायमूर्ति मोहम्मद असलम ने आगे कहा कि राज्य के भीतर गायों और उनकी संतानों के परिवहन के लिए किसी परमिट की आवश्यकता नहीं है.
बिना किसी कानूनी अधिकार के गायों को अवैध रूप से ले जाने के आधार पर अगस्त 2021 में एक ट्रक को पुलिस ने पकड़ा और जब्त कर लिया और यूपी गोवध रोकथाम अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. ट्रक के मालिक ने DM के समक्ष ट्रक को छोड़ने के लिए एक आवेदन दिया, जिसे खारिज कर दिया गया.
इस तरह हाईकोर्ट पहुंचा मामला
इसके बाद, उन्होंने एक आपराधिक पुनरीक्षण दायर किया जिसे खारिज कर दिया गया. उन्होंने डीएम के आदेश के साथ-साथ पुनरीक्षण न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए बाद में उच्च न्यायालय का रुख किया.
उनकी याचिका का विरोध करते हुए, राज्य के वकील ने कहा कि गाय और उसके वंश को उत्तर प्रदेश के भीतर गोहत्या रोकथाम अधिनियम की धारा 5 ए और गोजातीय के परिवहन पर परमिट के बिना नहीं ले जाया जा सकता है.
नियमों का हवाला
उन्होंने बाद में जोड़े गए अन्य प्रावधानों का भी उल्लेख किया, जो गाय और परिवहन माध्यम की जब्ती से संबंधित हैं, जिसके द्वारा गाय और उसके बछड़े को इस अधिनियम के प्रावधानों और संबंधित नियमों के उल्लंघन में ले जाया जाता है. इस पृष्ठभूमि में, कोर्ट ने माना कि वाराणसी डीएम का आदेश अधिकार क्षेत्र के बाह था और इसे रद्द कर दिया गया.
(इनपुट:आईएएनएस)
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