Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में 'महायुति' का ऑपरेशन टाइगर जारी है. शिवसेना शिंदे गुट ने शिवसेना (UBT) को बड़ा झटका दिया है. पूर्व MLA व शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुजीत मिणचेकर अपने कई साथियों के साथ उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया.
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में देंवेद्र फडणवीस की अगुआई वाली 'महायुति' का ऑपरेशन टाइगर जारी है. गुरुवार को पूर्व विधायक एवं शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुजीत मिणचेकर अपने कई साथियों के साथ उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थाम लिया. बताया जा रहा है कि टिकट नहीं मिलने से वो पार्टी से नाराज चल रहे थे.
शिवसेना (शिंदे गुट) के मुखिया व महाराष्ट्र के डिप्टी एकनाथ शिंदे ने पार्टी का पटका पहनाकर सुजीत मिणचेकर का पार्टी में इस्तकबाल किया. इस दौरान मिणचेकर ने शिवसेना (यूबीटी) पर आरोप लगाया कि पार्टी में विधायकों और नेताओं की कोई इज्जत नहीं करता. कोई किसी को नहीं पूछता, इसलिए उन्होंने एकनाथ शिंदे के साथ जाने का फैसला किया. वो अपने तमाम कार्यकर्ताओं के साथ शिंदे गुट में शामिल हुए.
#कोल्हापूर जिल्ह्यातील #हातकणंगले मतदारसंघातील उबाठा गटाचे माजी आमदार डॉ.सुजित मिणचेकर तसेच मनसेचे हातकणंगले जिल्हाप्रमुख गजानन जाधव यांनी आज #शिवसेना पक्षात जाहीर प्रवेश केला. यावेळी त्यांचे पक्षात स्वागत करून त्यांच्या भावी सामाजिक आणि राजकीय वाटचालीसाठी शुभेच्छा दिल्या.… pic.twitter.com/pttiXnzmW0
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) February 27, 2025
शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थामने के बाद सुजीत मिणचेकर ने कहा, 'मैं हातकणंगले तालुके से 10 साल तक विधायक रहा, जिसका मतलब है कि वहां पर शिवसेना बहुत मजबूत थी. जब मैं एकनाथ शिंदे का साथ देने का फैसला किया है, तो मेरे साथ करीब 80 फीसदी शिवसेना के लोग यहां पर आए हुए हैं. अगर मेरे साथ इतने लोग यहां आए हुए हैं, तो लोग पहचान सकते हैं कि हमारे तालुके की क्या स्थिति रही होगी.'
हम पार्टी की ताकत को और मजबूत करेंगे: मिणचेकर
उन्होंने दावा किया कि 'आज हातकणंगले तालुके में शिवसेना (शिंदे) गुट और मजबूती के साथ खड़ी हो जाएगी. हमारे सांसद धैर्यशील संभाजीराव माने हैं. हम उनकी ताकत को और बढ़ाएंगे. इस पर किसी को कोई शक नहीं करना चाहिए.'
टिकट नहीं मिलने से थे नाराज
उन्होंने बताया कि '2019 में मैं विधायक नहीं था, लेकिन 2024 में पूरा यकीन था कि उनको महाविकास अघाड़ी की तरफ से कैंडिडेट बनाया जाएगा, लेकिन वहां पर कांग्रेस उम्मीदवार को उतारा गया और मुझे साइड लाइन किया गया. मेरे जैसा कार्यकर्ता दिन-रात पार्टी के लिए काम किया. वहां पर शिवसेना मजबूत पार्टी थी, लेकिन मेरे साथ अन्याय हुआ. इसके बाद भी मुझे लगा वो मेरे बारे में सोचेंगे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं पूछा. वहीं, शिवसेना (शिंदे) से धैर्यशील माने और उदय सामंत ने मुझे अपनी पार्टी में शामिल होने और सम्मान देने की बात कही, जिसके बाद मैंने शिंदे साहब से बात कर ये फैसला लिया। आज मुझे लग रहा है कि मैं घर में वापस आ गया हूं.'