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Rajasthan News: दिल्ली बाइपास पर डीएलसी दरें आसमान छूने लगी हैं. सरकार ने प्रशासन ने कूकस से लेकर चंदवाजी के बीच और दौलतपुरा बाइपास के आसपास 48 फीसदी तक डीएलसी की दरें बढ़ा दी हैं. यह बढ़ोतरी इतनी ज्यादा है कि डीएलसी दरें अब आसमान छू रही हैं. सरकार ने यह बढ़ोतरी इस तरह से की है कि बढ़ाई गई दरें 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो. इसके लिए एक फॉर्मूला लागू किया गया है.
प्रदेश में जिला स्तरीय कमेटी (डीएलसी) की सिफारिशों को मंजूरी मिलने के बाद अब संपत्ति खरीद फरोख्त करना महंगा हो गया है. राज्य सरकार ने डीएलसी की दरों में बढ़ोतरी कर दी है. बढ़ी हुई दरें लागू हो गई हैं. बढ़ाई गई दरें 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो और पहले से कम भी नहीं हों का फार्मूला लागू किया गया है. डीएलसी की नई दरें लागू होने के बाद अब सरकार का खजाना भरेगा. चालू वित्तीय वर्ष के लिए 11 हजार करोड़ के राजस्व का लक्ष्य दिया है. यह लक्ष्य आसानी से हासिल होगा.
जयपुर जिले में नए सिरे से रेजिडेंशियल-कॉमर्शियल डीएलसी दरें लागू हो गई है. कई जगहों की पहली बार आवासीय तो कई जगहों की वाणिज्यिक दरें निर्धारित की गई. कई जगहों पर दरें बढ़ाई नहीं गई. जबकि कुछ जगहों पर दरें 50 फीसदी तक बढ़ाई गई. राजधानी जयपुर की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा दरें दिल्ली बाइपास पर कूकस से चंदवाजी के बीच बढ़ाई गई है.
यहां कई गांवों और उनसे लगती आबादी वाले एरिया में आवासीय जमीनों की डीएलसी दरें 48 फीसदी तक बढ़ाई है. प्रोपर्टी से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली बाइपास पर एक्सप्रेस हाइवे 14 नंबर पुलिया से दौलतपुरा होते हुए चंदवाजी का एरिया और आमेर से आगे कूकस, अचरोल, चंदवाजी तक के एरिया में पिछले कुछ समय से डवलपमेंट तेजी से बढ़ा है. यहां कॉलेज, होटल, रिसोर्ट के अलावा कई यूनिवर्सिटी और मेडिकल सेक्टर से जुड़े निवेश हुए है.
इस कारण यहां आबादी भी बढ़ती जा रही है. यही कारण है यहां पहले जो डीएलसी बहुत कम थी उन्हें अब बढ़ाया गया है. मुद्रांक एवं पंजीयन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक कुकस से चंदवाजी के बीच हर प्रमुख आबादी वाले एरिया में डीएलसी दरें कम से 25 फीसदी और अधिकतम 48 फीसदी बढ़ाई है. जैतपुरा खिंची, जुगलपुरा, चंदवाजी, दौलतपुरा, गुणवत्ता, चितानु के आसपास जमीनों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. मानसरोवर में शिप्रापथ 60 फीट चौड़ी सड़कों पर भी डीएलसी दरें 34 फीसदी बढ़ाई है.
यहां 60 फीट सड़क पर पहले डीएलसी दर 11225 रुपए थी, जो बढ़ाकर अब 15000 रुपए कर दी. इसी तरह शिप्रापथ पर ही 80 फीट रोड पर आवासीय डीएलसी 32 फीसदी बढ़ाकर 13646 से 18000 रुपए कर दी. मुरलीपुरा ए, बी, सी, डी ब्लॉक में डीएलसी की दरों में 15 फीसदी का इजाफा किया है. अम्बाबाड़ी एरिया में मेटल कॉलोनी में 20 फीसदी, जे.पी. कॉलोनी नया खेड़ा में 17 फीसदी, नाहरी का नाका के पास शिवशक्ति कॉलोनी में 19 फीसदी और न्यू सुभाष कॉलोनी में 22 फीसदी डीएलसी दरें बढ़ाई है.
सिरसी रोड और उसके आसपास के एरिया पांच्यावाला, मीनावाला, कनकपुरा, जयपुरियों का बास, गोकुलपुरा, धावास, बदरवास एरिया में डीएलसी की दरें 26 फीसदी बढ़ाई है.
जगह::::::::पुरानी दर:::::नई दर::::::::बढ़ोतरी (%)
दिल्ली बाइपास ढांड(कूकस के आगे) :::2841:::4200::::: 48%
दिल्ली बाइपास गुणवत्ता (अचरोल से पहले):::::3087:::::4500:::::46%
दिल्ली बाइपास हरवर (कूकस के आगे)::::3087::::::4500:::::46%
चंदवाजी::::::3135::::::::4500::::::::43%
जुगलपुरा::::::2577:::::::::3800:::::::::::::47%
जैतपुरा खिंची::::::::::::784:::::::::1100::::::47%
मानसरोवर::::::::11225::::::::15000::::::::::34%
दौलतपुरा:::::::::2577::::::::3500:::::::35%
चितानुकलां (दौलतपुरा के पास)::2349:::3200:::36%
जयसिंह नगर ग्राम चितानु (दौलतपुरा के पास):::: 1899::::::2600::::36%
मालवीयनगर छत्रसाल नगर ए, बी:: 7663::10000:::: 30%
हसनपुरा राकड़ी::::::7291::::::9500:::::::30%
हसनपुरा रावल जी का बंधा:::7291::::9500:::30
एनबीसी के पास नारायणपुरी:::4865:::6400:::31%
अचरोल दिल्ली रोड::::4825::::::6300::::::30%
आकेड़ा डूंगर::::::3558::::::4700:::::::::32%
आमेर तहसील के बगवाड़ा में::::::1997:::::2700 35%
आमेर तहसील के बीलपुर:::1122:::1500::::33%
चक जयसिंह नगर (चंदवाजी)::2851::3800::33%
अब नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे तथा मेगा हाइवे पर हाइवे से 500 मीटर की दूर तक कृषि जमीनों की डीएलसी दर की तीन कैटेगिरी बनाई गई है. हाईवे से 0-100 मीटर दूरी तक अगल रेट, 101 से 200 मीटर तक अलग और 201 से 500 मीटर अलग दरें लगेंगी. कृषि जमीन की डीएलसी की गणना हेक्टेयर में होगी. पहले हाइवे से 300 मीटर तक दूरी तक ही कृषि भूमि की डीएलसी तय की जाती थी लेकिन अब इसका दायरा 200 मीटर बढ़ाते हुए 500 मीटर तक कर दिया गया है. एक क्षेत्र में कई कॉलोनियों का एक ब्लॉक बनाते हुए एक ही डीएलसी दर लागू की गई है. जहां नए हाईवे बने हैं, जहां तेजी से डवलपमेंट हो रहा है वहां की डीएलसी दरें नए सिरे तय की गई है.
बहरहाल, जिस जगह सरकार जमीन अवाप्त करती है, वहां डीएलसी रेट ज्यादा होने का फायदा काश्तकार और खातेदार को मिलेगा. क्योंकि उसे बढ़ी हुई दर से मुआवजा मिलेगा.......हालांकि डीएलसी की नई दरें लागू होने के बाद अब सरकार का खजाना भरेगा. चालू वित्तीय वर्ष के लिए 11 हजार करोड़ के राजस्व का लक्ष्य दिया है. यह लक्ष्य आसानी से हासिल होगा.