महिलाएं या पुरुष, दवाओं से होने वाले नुकसान का ज्यादा खतरा किसे? रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
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महिलाएं या पुरुष, दवाओं से होने वाले नुकसान का ज्यादा खतरा किसे? रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

हिंदूराव अस्पताल के हालिया अध्ययन के मुताबिक, महिलाओं में दवाओं के नुकसान का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है. खासकर गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोनल थेरेपी लेने वाली महिलाएं इस खतरे की ज्यादा शिकार होती हैं.

महिलाएं या पुरुष, दवाओं से होने वाले नुकसान का ज्यादा खतरा किसे? रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

अक्सर हम यह मान लेते हैं कि दवाएं सभी के लिए समान रूप से काम करती हैं, लेकिन ताजा रिसर्च ने इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है. हाल ही में हुई एक चौंकाने वाली स्टडी में खुलासा हुआ है कि महिलाओं को दवाओं से होने वाले नुकसान का खतरा पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक होता है. इस रिसर्च में यह भी बताया गया है कि हार्मोनल बदलाव, मेटाबॉलिज्म और शरीर की संरचना की वजह से महिलाएं दवाओं के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होती हैं.

 दिल्ली स्थित हिंदूराव अस्पताल के हालिया अध्ययन के मुताबिक, महिलाओं में दवाओं के नुकसान का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है. खासकर गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोनल थेरेपी लेने वाली महिलाएं इस खतरे की ज्यादा शिकार होती हैं.

दो साल में 252 मामले, 60% महिलाएं प्रभावित
हिंदूराव अस्पताल द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि बीते दो वर्षों में दवाओं के साइड इफेक्ट से जुड़े 252 मामले सामने आए. इनमें से 60% मामले महिलाओं में देखे गए. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कई महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक (painkillers) और हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं लेती हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

अध्ययन के अनुसार, दवाओं के नुकसान का सबसे अधिक असर पाचन तंत्र पर पड़ा. लगभग 35% मामलों में गैस्ट्रिक समस्या या अपच की शिकायत देखी गई. वहीं, 33% मामलों में त्वचा पर एलर्जी या रैशेज हुए. दिलचस्प बात यह है कि 12% मामलों को सही जागरूकता और सतर्कता से रोका जा सकता था.

क्यों महिलाओं पर ज्यादा असर करती हैं दवाएं?
महिलाओं में दवाओं के दुष्प्रभाव अधिक होने के पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं के शरीर में वसा की मात्रा (Fat Composition) पुरुषों की तुलना में अधिक होती है. इससे फैट में घुलनशील दवाएं शरीर में अधिक समय तक बनी रह सकती हैं. इसके अलावा, महिलाओं के लीवर में मौजूद एंजाइम कुछ दवाओं को पुरुषों की तुलना में धीमे या तेज गति से तोड़ते हैं, जिससे नुकसान का खतरा बढ़ जाता है. महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स भी दवाओं के काम करने के तरीके को प्रभावित करते हैं, जिससे उनकी प्रतिक्रिया पुरुषों से अलग हो सकती है.

एक्सपर्ट की सलाह
* बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स या दर्द निवारक दवाएं न लें.
* यदि दवा लेने के बाद एलर्जी, गैस्ट्रिक समस्या, चक्कर आना या किसी असहजता का अनुभव हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
* गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोनल थेरेपी लेने वाली महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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