Crime News: अमेरिका में हत्या के मुजरिम 67 साल के ब्रैड सिगमोन को मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन कोर्ट ने उसे अपनी मौत की तरीके चुनने का मौका दिया है. क्योंकि उसने बिजली की कुर्सी और घातक लेथल इंजेक्शन से मिलने वाली सजा को लेकर आपत्ति जताई थी. आइए जानते हैं उसे अब किस तरह से मौत की सजा मिलेगी.
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Crime News: ज्यादातर मुल्कों में किसी भी मुजरिम को मौत की सजा फांसी पर लटका कर दी जाती है. हालांकि, कई मुस्लिम मुल्कों में मुजरिम को उसके जुर्म के हिसाब से मौत की सजा दी जाती है. मसलन, सऊदी अरब में रेप के मुजरिम को शहर के बीच चौराहे पर सिर कलम कर दिया जाता है. वहीं, ईरान में यातनाएं देकर मौत दी जाती है. लेकिन, आज हम ऐसी मौत की सजा के बारे में बताएंगे जो इन सभी सजाओं से मुख्तलिफ है.
दरअसल, हत्या के मुजरिम 67 साल के ब्रैड सिगमोन को मौत की सजा सुनाई गई है, लेकिन कोर्ट ने उसे अपनी मौत की तरीके चुनने का मौका दिया है. क्योंकि उसने बिजली की कुर्सी और घातक लेथल इंजेक्शन से मिलने वाली सजा को लेकर आपत्ति जताई थी.
सिगमोन ने अपनी पूर्व प्रेमिका के माता-पिता को बेसबॉल बैट से पीट-पीटकर मार डाला और फिर अपनी पूर्व प्रेमिका को अगवा कर मौके से फरार हो गया. हालांकि, बीच रास्ते में महिला चलती गाड़ी से कूदकर बच निकली. इसके बाद में सिगमोन ने जुर्म कबूल तकरते हुए बताया था वह लड़की को भी मारकर खुदकुशी करने वाला था.
अब, सिगमोन के वकील उनकी 7 मार्च को होने वाली फांसी को टालने की आखिरी कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि सिगमोन ने फायरिंग स्क्वाड (गोलियां मारकर दी जाने वाली सजा) को इसलिए चुना क्योंकि उसे बाकी विकल्पों की सही जानकारी नहीं दी गई थी. वह बिजली की कुर्सी से जलाए जाने या गलत तरीके से घातक इंजेक्शन दिए जाने से डरते हैं, जिससे उन्हें 'यातनापूर्ण मौत' का सामना करना पड़ सकता है.
बिजली की कुर्सी और घातक इंजेक्शन का डर
सिगमोन को पहले 2021 में बिजली की कुर्सी पर मौत की सजा देने का फैसला किया गया था. दक्षिण कैरोलिना में 2011 के बाद इस तरह की यह पहली सजा होती, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐन मौके पर इसे रोक दिया. तब से उनकी सजा को कई बार टाला गया है. मौत की सजा का विरोध करने वाली एली सुलिवन ने बताया कि सिगमोन ने कहा था कि सरकार उसे'बैगन की तरह तलने" की तैयारी कर रही है. वह इस 'भयावहता' को सकते.
घातक इंजेक्शन से जुड़े सवाल
सिगमोन के वकीलों का कहना है कि घातक इंजेक्शन से दी जाने वाली मौत भी खतरनाक और दर्दनाक हो सकती है. हाल ही में 31 जनवरी को मौत की सजा पाए मैरियन बोमन के पोस्टमॉर्टम में पता चला कि उन्हें घातक इंजेक्शन के लिए सामान्य से दोगुनी खुराक दी गई थी. इसी तरह, 1 नवंबर को रिचर्ड मूर की फांसी में भी दो बार दवा दी गई थी, जो 11 मिनट के अंतराल में दी गई. लेकिन यह साफ नहीं है कि दक्षिण कैरोलिना में इस्तेमाल होने वाली दवा की गुणवत्ता और मिकदार कितनी थी, क्योंकि कानून के मुताबिक इस जानकारी को गुप्त रखा जाता है.
फायरिंग स्क्वाड – मजबूरी में लिया गया फैसला
सिगमोन के वकील कहते हैं कि उनके मुवक्किल को मरने के तरीके की पूरी जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने बिजली की कुर्सी को इसलिए नहीं चुना क्योंकि वह 'जिंदा जलाए जाने' से डरते थे. लेकिन उन्हें घातक इंजेक्शन को लेकर भी शक था, क्योंकि अगर दवा ठीक से काम नहीं करती तो उनके फेफड़ों में तरल भर सकता था और वे दर्दनाक मौत मर सकते थे.
अब, अगर उनकी फांसी योजना के अनुसार होती है, तो उन्हें मौत की सजा 'फायरिंग स्क्वाड' के जरिए दी जाएगी. इस प्रक्रिया में उन्हें एक कुर्सी से बांधकर उनके सिर पर हुड पहना दिया जाएगा और उनके दिल पर एक टारगेट निशान लगा दिया जाएगा. फिर तीन निशानेबाज, जो केवल 15 फीट (4.6 मीटर) दूर होंगे, उन पर गोलियां दागेंगे. यह अमेरिका में 2010 के बाद पहली बार होगा जब किसी को गोलियों से मौत की सजा दी जाएगी.
अंतिम फैसला क्या होगा?
सिगमोन के वकील आखिरी कोशिश कर रहे हैं कि उनकी फांसी को टाल दिया जाए. लेकिन अगर यह नहीं हुआ, तो वह 7 मार्च को फायरिंग स्क्वाड के जरिए मारे जाएंगे. उनके वकील गेराल्ड किंग ने कहा कि उन्होंने मजबूरी में फायरिंग स्क्वाड को चुना है, क्योंकि वे घातक इंजेक्शन से होने वाली दर्दनाक मौत से डरते थे. मैरियन बोमन के पोस्टमॉर्टम से यह साफ हो गया कि उनका डर सही था.