सिर्फ टीचर्स ही रेड पेन क्यों करते हैं इस्तेमाल, स्टूडेंट्स क्यों नहीं कर सकते यूज? जानिए इसके पीछे की साइंस
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सिर्फ टीचर्स ही रेड पेन क्यों करते हैं इस्तेमाल, स्टूडेंट्स क्यों नहीं कर सकते यूज? जानिए इसके पीछे की साइंस

Knowledge Story: ये सवाल हर बच्चे के दिमाग में आता है कि टीचर्स रेड पेन का ही इस्तेमाल क्यों करते हैं? दरअसल, ऐसा करने के पीछे भी साइंस है. यह सिर्फ एक स्कूल रूल नहीं, बल्कि मनोविज्ञान और पढ़ाई में स्पष्टता बनाए रखने का जरिया है. 

सिर्फ टीचर्स ही रेड पेन क्यों करते हैं इस्तेमाल, स्टूडेंट्स क्यों नहीं कर सकते यूज? जानिए इसके पीछे की साइंस

Why Teachers Use Red Pen: स्कूल में पढ़ाई के दौरान हर बच्चे के मन में यह सवाल जरूर आता है कि टीचर्स हमेशा रेड स्याही वाला पेन ही क्यों इस्तेमाल करते हैं? जबकि, स्टूडेंट्स को सिर्फ नीले या काले पेन से लिखने की परमिशन होती है. इसका जवाब सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि साइंस और मनोविज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. टीचर्स क्यों करते हैं रेड पेन का इस्तेमाल? चलिए जानते हैं क्या है इंक के कलर का ये फंडा..

रेड रंग सबसे ज्यादा हाईलाइट होता है
रेड रंग एक ब्राइट और ध्यान आकर्षित करने वाला रंग है. जब टीचर्स एग्जाम शीट या नोटबुक चेक करते हैं, तो उनकी लिखी गई गलतियों और करेक्शन को साफ-साफ दिखाने के लिए रेड स्याही का उपयोग किया जाता है. अगर टीचर्स भी नीले या काले रंग से करेक्शन करेंगे, तो स्टूडेंट्स के लिखे हुए शब्दों और टीचर्स के सुधार में फर्क करना मुश्किल हो सकता है.

साइंस भी करता है इसे सपोर्ट
रेड रंग की विजुअल पहचान (Visual Recognition) सबसे तेज होती है. यह दिमाग पर जल्दी असर डालता है और पढ़ने वाले की नजर सबसे पहले इस रंग पर जाती है. यही कारण है कि सावधानी बोर्ड, ट्रैफिक साइन और चेतावनी संदेश भी रेड रंग में ही लिखे जाते हैं. जब टीचर्स रेड पेन से कोई करेक्शन करते हैं, तो स्टूडेंट्स की नजर जल्दी उस पर जाती है और वे अपनी गलतियों को सुधारने में सक्षम होते हैं.

टीचर और स्टूडेंट्स के बीच अंतर 
रेड रंग सिर्फ गलतियों को हाइलाइट करने के लिए ही नहीं, बल्कि टीचर और स्टूडेंट्स के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. अगर टीचर्स भी नीला या काला पेन उपयोग करेंगे, तो उनकी लिखावट और स्टूडेंट्स की लिखावट में कोई फर्क नजर नहीं आएगा, जिससे चेकिंग में परेशानी होगी.

ब्लू और ब्लैक पेन क्यों नहीं यूज करते टीचर्स?
स्टूडेंट्स को स्कूलों में केवल नीले और काले पेन से लिखने की अनुमति दी जाती है. अगर टीचर्स भी वही पेन इस्तेमाल करेंगे, तो यह समझ पाना मुश्किल हो जाएगा कि छात्र का लिखा हुआ हिस्सा कौन सा है और टीचर का करेक्शन कौन सा, इसलिए रेड पेन एक स्पष्ट पहचान बनाने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन बनता है.

क्या सिर्फ रेड पेन ही जरूरी है?
हालांकि, कुछ देशों में टीचर्स अब ग्रीन या पर्पल पेन का भी इस्तेमाल करने लगे हैं, ताकि स्टूडेंट्स को गलतियों के लिए हतोत्साहित करने की बजाय एक पॉजिटिव तरीके से फीडबैक दिया जा सके, लेकिन भारत में अभी भी ज्यादातर स्कूलों में टीचर्स के लिए रेड पेन का ही नियम लागू है.

रेड इंक पेन रंग गलतियों को हाईलाइट करता है, स्टूडेंट्स को सीखने में मदद करता है और उनकी कॉपी को व्यवस्थित तरीके से जांचने में मदद करता है. अगली बार जब आप किसी टीचर को रेड पेन से मार्किंग करते देखें, तो समझ लीजिए कि यह सिर्फ एक पेन नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर लिया गया फैसला है.

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