घाटे से ₹25 करोड़ के मुनाफे में आई कंपनी फिर भी शेयर नहीं भर सके उड़ान, 7% लुढ़के एयरलाइन के स्टॉक, इस उलटफेर के पीछे कौन ?
Advertisement
trendingNow12663572

घाटे से ₹25 करोड़ के मुनाफे में आई कंपनी फिर भी शेयर नहीं भर सके उड़ान, 7% लुढ़के एयरलाइन के स्टॉक, इस उलटफेर के पीछे कौन ?

भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट के लिए वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही अच्छे रहे. कंपनी ने तीसरी तिमाही में 25 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.

घाटे से ₹25 करोड़ के मुनाफे में आई कंपनी फिर भी शेयर नहीं भर सके उड़ान, 7% लुढ़के एयरलाइन के स्टॉक, इस उलटफेर के पीछे कौन ?

SpeiceJet Share: भारत की लो कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट के लिए वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही अच्छे रहे. कंपनी ने तीसरी तिमाही में 25 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. स्पाइसजेट के तिमाही नतीजों के मुताबिक उसका कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 25 करोड़ का रहा.  कंपनी को पिछले साल की समान तिमाही में 301 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था. कंपनी का मुनाफा तो बढ़ा,लेकिन शेयरों पर उसका असर नहीं दिखा. 

 स्टॉक करीब 7 प्रतिशत गिरा
 
स्पाइसजेट के शेयर में गुरुवार को करीब 7 प्रतिशत गिरावट देखी गई. इसकी वजह ब्रोकरेज फर्म नुवामा द्वारा कंपनी का शेयर प्राइस टारगेट 14 प्रतिशत घटाने को माना जा रहा है. हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने होल्ड की राय बरकरार रखी है.  कारोबारी सत्र के अंत में स्पाइसजेट का शेयर 3.25 रुपये या 6.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 44.72 रुपये पर बंद हुआ. 

क्यों गिरा स्टॉक 

नुवामा ने कहा कि एयरलाइन के वित्तीय आंकड़ों में पारदर्शिता की कमी है, उपलब्ध सीट किलोमीटर (एएसकेएम) में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की तीव्र गिरावट हुई है. इसके अलावा, वित्तीय फर्म ने दूसरी तिमाही में इसके 30 प्रतिशत विमानों के जमीन पर ही खड़े रहने के बारे में चिंता जताई. इससे पहले बुधवार को कंपनी द्वारा वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान किया गया था. कंपनी की आय सालाना आधार पर 36 प्रतिशत कम होकर 1,178.7 करोड़ रुपये रह गई है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में 1,850.4 रुपये थी. 

25 करोड़ का मुनाफा  

स्पाइसजेट ने वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में 26 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था. स्पाइसजेट ने हाल ही में संस्थागत निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी, जिसके कारण कंपनी की नेटवर्थ बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गई थी. यह बीते एक दशक में पहला मौका है, जब एयरलाइन की नेटवर्थ लाल निशान में नहीं थी. नुवामा ने बताया कि 3,000 करोड़ रुपये की फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से बकाया राशि का भुगतान करने तथा जमीन पर खड़े विमानों को पुनः सेवा में लाने के लिए किया जाएगा, जिससे पूर्ण सुधार की राह धीमी हो जाएगी.  

ब्रोकरेज हाउस ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की कि अगर अर्थव्यवस्था कमजोर होती तो कॉरपोरेट और घूमने संबंधी यात्राओं की मांग में कमी आ सकती है। इसका एयरलाइन पर नकारात्मक असर होगा. स्पाइसजेट ने अपने मुनाफे का श्रेय मजबूत यात्री मांग, बेहतर दक्षता और बेहतर मूल्य निर्धारण रणनीतियों को दिया. स्पाइसजेट के सीएमडी, अजय सिंह ने कहा कि बीते दशक में पहली बार कंपनी की नेटवर्थ सकारात्मक हो गई है. यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो हमारी टर्नअराउंड रणनीति की सफलता को रेखांकित करता है. आईएएनएस

Trending news